हम से मिलने आओ कभी
आप सोच रहे होंगे कि यह हमसे मिलने आओ कभी जरुरी है “हां” यह जरुरी है जब आप दिल की बातें जुबान तक नहीं ला पाते तो यह बातें बहुत जरूरी हो जाती है कि बातों को शायरी के माध्यम से आसान बना दिया जाता है और आसानी से बातें समझ में आने लगती है और मोहब्बत का जोर शुरू हो जाता है चलो आप से अपने दिल की बात करता हूं क्या-सोच रहे हो मैं आपकी ही बात कर रहा हूं, खैर अभी मौसम के बदले में समय है लेकिन सच कहता हूं जब से आपको देखा है दिल का मौसम बदलने लगा है आप से कहना चाहता हूं कि-
हमसे मिलने आओ कभी
तेरे तसब्बुर में हिचकियां आई अभी
तुम भी हमसे मिलने आओ कभी
तेरे आने की उम्मीद लगाई हमने
ऐसे मौके मिलते हैं कभी-कभी !!
हमसे मिलने आओ कभी, हमारी बातों में तेरी बात है
मैं खो जाता हूं तेरी यादें में, इतनी गहरी तेरी याद है।।
दिल फरेब दिल हम, दिल को होने नहीं देंगे
सच कहते हैं जान, तुम को कभी रोने नहीं देंगे
मोहब्बत गहरी दिखेगी, गहराई हमारे प्यार में
तुम्हारी मोती सी मुस्कान, सच कहते हैं खोने नहीं देंगे।।
क्या तुम जज़्बात समझते नहीं
माना बेशक बैस कीमती तेरा नूर है
तुमको क्या हमसे कोई मतलब नहीं
हमसे मिलने आओ कभी मन में तेरा सुरूर है।।
मिलन की बहुत सी वज़ह हो सकती है लेकिन मिलना कुदरत की मर्जी होती है यदि आप किसी से मिलना चाहते हैं तो आसानी से मिल सकते हो, यदि ईश्वर की मर्जी ना हो तो मिलना मुश्किल हो जाता है।
मुश्किलें मेरी सारी आसान हो जाए
यदि मिलने को तेरी हां हो जाए
वादे भी दिल से निभाओ कभी
बिना कहे हम से मिलने आओ कभी।।
हसरतें दिल में तमाम हो गयी
तेरे इंतज़ार में सुबह से शाम हो गयी
अपनापन करीब आकर जताओ कभी
फुर्सत निकालकर हमसे मिलने आओ कभी।।

तुमसे मिलने की राह में आधे हो गए
यह कैसी दीवानगी हम राधे हो गए
प्यार नाम की बंसी तुम बजाओ कभी
तुम हम से मिलने आओ कभी।।
यह ख्याल ख्वाहिश बन गया है और हम फरियादी हो गए हैं बस तसब्बुर तेरा नजरों से हटता नहीं है!
जानते नहीं हम, दिल से तुम्हें याद करते हैं
लोग कहते हैं हम बेवजह बात करते हैं
तुम से बस इतना कहना है हमें, मिले जो कभी
ख्वाहिश हो जाए पूरी, मिलने आओ जो तुम कभी।।
तेरे नाम से महफ़िल सजाता हूं मैं
बेवजह दिल कब सताता हूं मैं
हम से मिलने आओ कभी तुम
बिना बात के कब शायरी सुनाता हूं मैं।।
तुम आओगे सच में बहार आ जाएगी
महफ़िल भी खुद से सज जाएगी
आपका हूं अपना हक तो जताओ कभी
एक बार हम से मिलने आओ कभी ।।
हमेशा से अच्छी बात और अच्छी यादें सबको भाती है और दिल में मिलन की प्यास जगाती हैं।तब दिल से चाहत निकलकर यह सिफारिश करती है कि हमसे मिलने आओ कभी …
यह ज़िन्दगी पूरी तरह तेरे नाम हो जाए
तेरे शहर में घूमते-घूमते शाम हो जाए
तुम हमसे मिलने आओ कभी मेरे यार
तेरे आने की राह में गुमनाम ना हो जाए।।
हम से मिलने आओ कभी बातें हमने कही है
कैसे समझाए तुम को हम बेकरारी सही है
जानते हो हमें हमेशा से तेरी परवाह रही है
खुबसूरत दिल रखता हूं मैं, सारी बातें सही हैं।।
एक रोज उनसे मुलाकात की तमन्ना है
और मन में तुम को पाने का इरादा है
और समझाए क्या तुम को हम दिलबर
बेशुमार मोहब्बत खुद से ज्यादा है।।
हमसे मिलने आओ
आपके दिल में हम रहते है शायद तुमको मालूम नहीं लेकिन यह सच है कि आप हमारी उम्मीदों का चिराग हो आपको देख कर हमारी सांसें चलती है देखकर तस्वीर तुम्हारी बड़ी राहत मिलती है बैठें हैं इन्तजार में कि हम से मिलने आओ कभी…
हमारी उम्मीदों का चिराग हो आप
देख कर तुम्हें सांसें चलती है जान
हमसे मिलने आओ कभी इश्क में
गुस्सा छोड़-छाड़ बात मेरी मान।।
सोचता हूं कोई गीत गुनगुनाऊं मैं
दिल की सारी बातें तुम्हें सुनाऊं मैं
तुम सारी बातें छोड़ कर मेरी सुनो
सबसे पहले आकर मुझसे मिलो ।।
बातें बहुत सी बातें हैं तुमसे कहने को
दिल में बैचेनी भी है जुदाई रही सहने को
छोड़ दो अब रहने दो इन छोटे-मोटे बहानों को
हमसे मिलने आओ कभी, हमारा दिन बनाने को।।
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