🌼🌿दशहरा शायरी 🌿🌼
दशहरा शायरी, दशहरा जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म और सत्य की विजय का संदेश दिया था। दशहरा हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सत्य और न्याय की शक्ति से उसका अंत निश्चित है। पूरे देश में रावण दहन, रामलीला और मेले का आयोजन बड़े हर्ष और उल्लास से किया जाता है यह असत्य पर सत्य की विजय का प्रमाण है। शुरू करते हैं –
🍀दशहरा शायरी 🍀
रावण जले, अहंकार मिटे,
सत्य का दीपक हर दिल में खिले।
दशहरा का संदेश यही है प्यारे,
सत्य और प्रेम में ही जीवन संवरे।।
सत्य की राह दिखाता है दशहरा,
असत्य का करता सदा अंत गहरा,
बुराई चाहे कितनी भी बड़ी हो,
सत्य की जीत से ही जग सवेरा।।
रावण का दहन है संदेश यही,
बुराई से लड़ो, मत डरो कभी,
दशहरा मनाओ दिल से सभी,
खुशियों की हो बारिश सभी गली।।
रावण की तरह जलाओ बुराई,
राम नाम से सजाओ सच्चाई,
दशहरा लाए नया उजियारा,
हर दिल में फैले भाईचारा।
त्यागो ईर्ष्या, लोभ और गुमान,
राम का बनाओ जीवन विधान,
दशहरा देता है यही पैगाम,
सत्य से ही रोशन होता जहान।।
दशहरे का त्योहार है अनोखा,
रावण दहन का संदेश गहरा,
सत्य अंधकार को हराए सदा,
राम नाम से जग हो उजियारा।
जले अहंकार, बचे संस्कार,
जीते सदा सच्चाई का प्यार,
दशहरे का पर्व यही बताता,
धर्म ही जीवन का पथ दिखाता।।
बुराई चाहे कितनी भी हो भारी,
सच्चाई करती उसकी सवारी,
दशहरा यही हमें समझाता है,
राम का मार्ग जग अपनाता है।।
रावण दहन है जीवन की सीख,
बुराई से लड़ो, सत्य को जीत,
दशहरे का पर्व मनाओ प्यार से,
सजाओ जीवन सच्चाई के द्वार से।।
राम का नाम लो हर दिल से,
मिटाओ अंधेरा कर्म के सिल से,
दशहरा देता है यही उजियारा,
बुराई मिटे और जग हो प्यारा।।
जब जब धरती पर बुराई छाई,
राम रूप बन सत्य जग आई,
दशहरा कहता है हर इंसान,
सत्य से ही जग में मिलता मान।
दशहरे का उत्सव आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और माता सीता को लंका से मुक्त कराया था। तभी से यह पर्व सत्य, धर्म और न्याय की विजय का प्रतीक माना जाता है।
🪷दशहरा शायरी 🪷
जले लोभ और जले अभिमान,
जीते धर्म और सत्य का गान,
दशहरे का पर्व यही सिखाता,
सत्य का दीपक सदा जगमगाता।।

त्यागो कटुता, अपनाओ मिठास,
राम नाम से करो विश्वास,
दशहरे की यही पहचान है,
सत्य और धर्म ही सम्मान है।
रावण के दहन से सीख लो नई,
बुराई को जलाओ, राह हो सही,
दशहरा लाए उजाला घर-घर,
सत्य से ही हो जीवन सुंदर।।
हर दिल में राम का बसे प्यार,
मिटे अहंकार और संहार,
दशहरे का पर्व यही बताता,
सत्य का दीप कभी न बुझ पाता।।
दशहरे का पर्व है संदेश,
सत्य ही जीवन का परिवेश,
रावण का अंत है यही निशानी,
धर्म निभाना है सच्ची जवानी।।
बुराई की राह छोड़ो सभी,
सच्चाई की ओर बढ़ो सभी,
दशहरा देता यही आदेश,
राम बने जीवन का परिवेश।।
अहंकार का जला दो दहन,
सच्चाई से जोड़ो जीवन,
दशहरे का पर्व यही सिखाता,
धर्म ही जीवन में रंग भर जाता।।
राम की राह पे चलना सीखो,
रावण का दहन कर मन जीत लो,
दशहरे का पर्व यही बुलाता,
सत्य और प्रेम से जीवन सजाता।।
हर दिल से जलाओ अंधकार,
फैलाओ सच्चाई का उजियार,
दशहरा है धर्म का त्यौहार,
देता है जीवन को सुंदर आकार।।
भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में दशहरे का महत्व अलग-अलग रूपों में दिखाई देता है। उत्तर भारत में यह पर्व रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाकर मनाया जाता है। बड़े-बड़े मैदानों में लोग एकत्रित होकर आतिशबाज़ी और उत्सव का आनंद लेते हैं। यह दहन केवल पुतलों का नहीं बल्कि हमारे भीतर छिपे अहंकार, क्रोध, लोभ और ईर्ष्या जैसे दोषों का प्रतीकात्मक दहन है।
☘️दशहरा पर शायरी ☘️
रावण का अंत है यही बताना,
सत्य के दीपक को जलाना,
दशहरा मनाओ दिल से सभी,
धर्म और प्रेम से जीओ सभी।
दशहरा देता है यही सीख,
सत्य ही जीवन का सच्चा ठीक,
अहंकार मिटाओ मन से सभी,
राम का नाम लो दिल से सभी।
बुराई का अंत यही त्योहार,
सच्चाई का होता है सत्कार,
दशहरे का पर्व हमें जगाता,
राम का मार्ग दिखाता जाता।
हर दिल में सत्य का हो दीपक,
मिटे अंधेरा और जले विश्वास,
दशहरे का पर्व यही बताता,
राम नाम से जग सजाता।
त्यागो बुराई, अपनाओ भलाई,
राम नाम से सजाओ सच्चाई,
दशहरे का पर्व यही सिखाता,
धर्म से जीवन सुंदर बनाता।
राम का नाम लो हर घड़ी,
सत्य की राह अपनाओ बड़ी,
दशहरे का पर्व यही बताता,
धर्म से जीवन मुस्कुराता।
अहंकार का अंत है दशहरा,
सत्य की जीत का उजियारा,
राम का नाम सजाए जीवन,
मिटाए अंधेरा और भ्रम।
दशहरे का पर्व है पावन,
राम का स्मरण है साधन,
बुराई मिटे, सच्चाई जगे,
हर दिल में राम नाम लगे।
रावण का अंत है संदेश यही,
बुराई से लड़ो मत डरो कभी,
दशहरा लाए नई प्रेरणा,
जीवन में भर दे उजियारा।
- राम की राह पे जो चलेगा,
हर बुराई को वो हर लेगा,
दशहरे का पर्व यही बताता,
सत्य ही जीवन में रंग सजाता।
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