कृष्ण जन्माष्टमी पर बेहतरीन 4 लाइन शायरी | जन्माष्टमी शायरी हिंदी में
🌸 कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष शायरी पोस्ट 🌸
कृष्ण जन्माष्टमी पर बेहतरीन 4 लाइन शायरी | जन्माष्टमी शायरी हिंदी में
🕉 कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व है। यह भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि के समय मनाया जाता है। इस दिन स्मारकों का भोग लगाया जाता है,माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है। भक्तजन श्रीकृष्ण की लीलाएँ, प्रेम और भक्ति में डूब गए हैं। इस पर्व को और भी विशेष बनाने के लिए यहां हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं कृष्ण जन्माष्टमी की अनोखी, हृदयस्पर्शी और प्रेरणादायक 4 पंक्ति की शायरी जो आपको भगवान के प्रेम, करुणा और आशीर्वाद का अनुभव कराएगी।
🌼 कृष्ण जन्माष्टमी पर 4 लाइन शायरी 🌼
🌺प्रेम भरी शायरी
कान्हा तेरी भक्ति का रस मन भाया है
महिमा बड़ी तेरी सबका बेड़ा पार लगाया है
कैसे भूला दूं तेरी भक्ति ने मन मेरा मोह लिया है
तेरी भक्ति में सब छोड़कर मन बावरा हो लिया है।।…
मुरली की धुनों में बसी है, प्रेम की प्यारी बातें,
राधा के बिना अधूरी, कान्हा की सारी रातें,
जन्माष्टमी का ये त्योहार, मीठी खुशियों की यादें,
घर-घर ईश्वर भक्ति माखन चोर की बारातें।।
माखन चुराने वाला, मन का भी चोर है
राधा के दिल में बसने वाला,हर दिल में प्यार है
जन्माष्टमी पर मिले हर मन को भक्ति का जोर है
ये लीलाधर ही जीवन का असली श्रृंगार है।।
🌺भक्ति भरी शायरी
शाम की हवा में कान्हा के चरणों में गुलाब
भक्तों के दिल में, राधा-कृष्ण नाम का प्रेम दे
जन्माष्टमी का पर्व, हर दुःख-दर्द दूर कर दे
भक्ति के रंग में जीवन को भर दे।।
नंद के घर सामुद्रिक मोहन, मुरली की मिठी तान
गोकुल में छाया आनंद, जैसे हो स्वर्ग समान
हर दिल में बस कान्हा, ये हो हमारी पहचान
जन्माष्टमी समान जीवन में मधुर गान।।
🌺प्रेरणादायक शायरी
संकट में जो न डरे, वही है कान्हा की राह
अधर्म पर जीत का संदेश, यही है उनका प्रवाह
जन्माष्टमी पर लें हम, सत्य का साथ
ताकि जीवन में आये खुशियों की बहार।।
गीता का संदेश कहता है,कर्म करो फल को भुलाए
फल की चिंता दूर करो, जीवन को धार्मिक बनाएं
जन्माष्टमी का पर्व हमें यही सिखाता है हमें
सात्विक कर्म से अपना जीवन स्वर्ग बनाएं।।
🌺राधा-कृष्ण प्रेम शायरी
राधा का प्रेम और कान्हा का साथ
दुनिया में सबसे अनोखा ये नाता
जन्माष्टमी पर मिले हर दिल को यही श्रृंगार
राधा-कृष्ण बंधन हर मन के पास-पास।।
कान्हा की बंसी जब बजे, मन में मत्था टेके
राधा के प्रेम में जो डूबे, दुख सारे भूल चले
जन्माष्टमी पर यही दुआ है प्रभु से हमारी
हर जीवन में बहे प्रेम की पावन धारा।।
माखन चुराकर जिसने खाया,
बांसुरी बजाकर जिसने नचाया,
भक्ति का जो दीप जग में जलाए,
वो श्याम सबके मन को भाए।
🌼 कान्हा भक्ति पर शायरी 🌼
ना सोने-चांदी का मुकुट चाहिए,
ना फूलों का बना हार चाहिए,
बस कान्हा की झलक मिल जाए,
जीवन में ईश्वर भक्ति उपहार चाहिए।।
तेरी मुरली की तान में,
छिपा है संसार सारा
तेरे नाम की महिमा से,
मिट जाए हर दुख हमारा।।
श्याम तेरे नाम में इतनी मिठास
हर दर्द का, ना हो अहसास
जन्माष्टमी का पावन दिन
भर दे खुशियों का आभास।।
कृष्ण जन्माष्टमी पर बेहतरीन 4 लाइन शायरी | जन्माष्टमी शायरी हिंदी में
🌺 मटकी फोड़ और बांसुरी शायरी
मटकी में माखन, माखन में प्यार
कान्हा तेरी लीला है अपार
जन्माष्टमी का त्यौहार आया
खुशियों की सोगात भी लाया।
मटकी फोड़, हंसी बांट
कान्हा के रंग में रंग जाए
जन्माष्टमी की ये रात
हर दिल को भक्ति में डुबाए।।
बांसुरी की मधुर तान
गोकुल में फैला देती जान
जन्माष्टमी का त्योहार सुहाना
लाता है भक्ति का गहरा खजाना।।
माखन चुराए, मन हर ले जाए,
श्याम की लीला मन भाए,
जन्माष्टमी की बेला प्यारी,
सब पर बरसे कृपा भारी।
🌿राधा -कृष्ण प्रेम शायरी
राधा के रंग में रंगे हैं श्याम
श्याम के सुर में बसी है राधा
प्रेम का यह पावन संगम
देता है भक्ति का वादा।।
राधा बिन कृष्ण अधूरे
कृष्ण बिन राधा नहीं
प्रेम का यह पावन बंधन
दुनिया में कहीं दूसरा नहीं।।
राधा का नाम लो तो श्याम मुस्कुराएं
श्याम का नाम लो तो राधा शरमाएं
जन्माष्टमी का यह संगम
सदैव प्रेम का दीप जलाएं।।

राधा के मन में श्याम बसे,
श्याम के दिल में राधा,
जन्माष्टमी का पावन पर्व,
देता है प्रेम की साधना।
🪷दिव्य प्रेम और भक्ति
तेरे नाम में जो सुकून है कान्हा,
वो संसार में मुझे कहीं नहीं मिला,
जन्माष्टमी पर तेरा दीवाना,
मेरी हर सांस में बस तू ही बसा।
तेरी बांसुरी की धुन कान्हा
दिल के तार-तार छेड़ जाए
जन्माष्टमी का यह पर्व
तेरी भक्ति बिना रहा ना जाए।।
भक्ति के सागर में तैरते हैं
तेरे नाम की नाव में बैठकर
जन्माष्टमी का उत्सव मनाएं
जीवन में भक्ति नाम महिमा गाएं।।
ना दौलत चाहिए, ना ताज चाहिए
बस तेरी भक्ति का अहसास चाहिए
आया फिर जन्माष्टमी का प्यारा दिन
उत्सव लाए जीवन में भक्ति होनी चाहिए।।
गोकुल में गूंजे शोर
कान्हा ने मटकी तोड़ी
जन्माष्टमी का उत्सव आया
खुशियों की झोली भरी।
कभी माखन चोर, कभी राधा का प्यारा
कभी गोपियों का कभी ग़रीबों का सहारा
जन्माष्टमी का दिन उत्सव उत्साह से भरा
हर दिल को लगे न्यारा कान्हा लागे प्यारा।।
तेरी लीला अपरंपार प्रभू तुम सबके रखवाले
तेरे नाम में सारा संसार, तुम हो कृपा निधान
जन्माष्टमी का पावन दिन आया मिले मुस्कान
भक्ति की महिमा करेगी सबका बेड़ा होगा पार।।
श्याम तेरी बांसुरी में जादू है,
दिल में तेरे नाम की भक्ति है,
जन्माष्टमी का पर्व उत्सव से भरा,
तेरे हर रूप में,महिमा तेरी शक्ति है।
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